What is article 9,अनुच्छेद 9 क्या है :भारतीय संविधान में
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 9: नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद 9 भारतीय संविधान के भाग III में स्थित है, जो “मौलिक अधिकारों” से संबंधित है। यह अनुच्छेद सभी भारतीय नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।
इसमें निम्नलिखित मुख्य बातें शामिल हैं:
• धर्म की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को अपनी पसंद का धर्म मानने, उसका पालन करने और प्रचार करने का अधिकार है।
• धार्मिक संस्कारों का पालन: नागरिकों को अपने धर्म के अनुसार पूजा-पाठ, रीति-रिवाजों और धार्मिक संस्कारों का पालन करने का अधिकार है।
• धार्मिक संस्थाओं की स्थापना: नागरिकों को अपनी पसंद के धार्मिक संस्थाओं की स्थापना और प्रबंधन करने का अधिकार है।
• धार्मिक शिक्षा: नागरिकों को अपने बच्चों को अपनी पसंद के धर्म के अनुसार शिक्षा देने का अधिकार है।
• धार्मिक करों से छूट: नागरिकों को किसी भी धार्मिक कर या शुल्क से छूट प्राप्त है जो उनके धर्म के पालन में बाधा डालता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:
• सार्वजनिक व्यवस्था: अनुच्छेद 9 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है। इसका मतलब है कि धार्मिक स्वतंत्रता का प्रयोग दूसरों के अधिकारों और स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं कर सकता है।
• धर्मनिरपेक्षता: भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसका अर्थ है कि सभी धर्मों को समान सम्मान और संरक्षण दिया जाता है।
• धार्मिक भेदभाव का निषेध: अनुच्छेद 15 धर्म के आधार पर भेदभाव को निषिद्ध करता है।
अनुच्छेद 9 भारतीय संविधान में क्यों शामिल किया गया :
भारतीय संविधान में अनुच्छेद 9 को शामिल करने के पीछे के मुख्य कारण:
1. धार्मिक स्वतंत्रता का महत्व:
• भारत एक बहु-धार्मिक देश है, जिसमें विभिन्न धर्मों और पंथों के लोग सदियों से शांतिपूर्वक रहते आए हैं।
• धार्मिक स्वतंत्रता लोगों को अपनी आस्था का पालन करने, रीति-रिवाजों का पालन करने और अपनी पसंद के अनुसार जीवन जीने की अनुमति देकर इस सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2. ऐतिहासिक संदर्भ:
• ब्रिटिश शासन के दौरान, धार्मिक अल्पसंख्यकों को अक्सर भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता था।
• स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, धार्मिक सद्भाव और समानता को बढ़ावा देना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य था।
• संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 9 को यह सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया कि सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का समान अधिकार प्राप्त हो।
3. मौलिक अधिकारों का आधार:
• धार्मिक स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार माना जाता है क्योंकि यह एक व्यक्ति की गरिमा और आत्म-सम्मान के साथ मौलिक रूप से जुड़ा हुआ है।
• यह व्यक्तियों को अपने जीवन को अपने तरीके से जीने और अपनी पसंद के अनुसार विश्वास करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
4. सामाजिक न्याय और समानता:
• अनुच्छेद 9 सभी नागरिकों के बीच समानता को बढ़ावा देता है, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
• यह धार्मिक अल्पसंख्यकों को भेदभाव और उत्पीड़न से बचाने में मदद करता है और उन्हें समाज में समान अवसर प्रदान करता है।
5. राष्ट्रीय एकता और अखंडता:
• धार्मिक सहिष्णुता और स्वतंत्रता राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
• जब लोग अपनी आस्था का पालन करने के लिए स्वतंत्र महसूस करते हैं, तो वे समाज के प्रति अधिक जुड़े हुए और समर्थित महसूस करते हैं।