हर साल की तरह इस बार भी लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि दिवाली कब है 2025 में, साथ ही धनतेरस और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, दीपावली का पर्व हमेशा कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
वर्ष 2025 में दिवाली 20 अक्टूबर (सोमवार) के दिन मनाई जाएगी। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 2 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन 21 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। तो दिवाली कब है ज्योतिष गणना के अनुसार, 20 अक्टूबर की संध्या में जब स्थिर लग्न रहेगा, तब दिवाली पूजन करना सबसे अधिक फलदायी रहेगा। ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि, और सौभाग्य का वास होता है। इस वर्ष की दिवाली का समय ग्रहों की दृष्टि से अत्यंत शुभ बताया गया है, इसलिए यह दिन लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने और नए आरंभ के लिए विशेष रूप से लाभदायक माना जा रहा है।
दिवाली 2025 में पूजा का शुभ समय
अगर आप जानना चाहते हैं कि दिवाली कब है 2025 में और पूजा का सबसे शुभ समय कौन-सा रहेगा, तो इस साल का मुहूर्त बेहद खास है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार वृष लग्न और सिंह लग्न में लक्ष्मी पूजा करना सबसे अधिक शुभ माना गया है।
वृष लग्न पूजन मुहूर्त: शाम 7:10 बजे से 9:10 बजे तक
सिंह लग्न पूजन मुहूर्त: रात 1:38 बजे से 3:52 बजे तक
इन दोनों शुभ मुहूर्तों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है। माना जाता है कि स्थिर लग्न में पूजन करने से लक्ष्मी कृपा स्थायी रहती है और पूरे वर्ष आर्थिक वृद्धि बनी रहती है।
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कब है धनतेरस 2025: जानिए खरीदारी का शुभ समय
हर साल दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाई जाती है, जो धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व है। इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 1:20 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:54 बजे तक रहेगी। इसलिए धनतेरस की खरीदारी 18 अक्टूबर दोपहर के बाद से 19 अक्टूबर दोपहर तक करना सबसे शुभ माना गया है। इस दिन सोना-चांदी, तांबे के बर्तन, झाड़ू, नमक, दीपक, श्रीयंत्र और रसोई की वस्तुएं खरीदना खास रूप से लाभकारी होता है। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और पूरे साल धन-संपत्ति की वृद्धि बनी रहती है।
दिवाली कब है 2025 का पूरा त्योहार कैलेंडर
पर्व | तिथि | दिन |
---|---|---|
धनतेरस | 18 अक्टूबर 2025 | शनिवार |
छोटी दिवाली | 19 अक्टूबर 2025 | रविवार |
दिवाली | 20 अक्टूबर 2025 | सोमवार |
गोवर्धन पूजा | 22 अक्टूबर 2025 | बुधवार |
भैया दूज | 23 अक्टूबर 2025 | गुरुवार |
छोटी दिवाली और भैया दूज की तारीखें
छोटी दिवाली कब है, धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली आती है, जो इस साल 19 अक्टूबर 2025 (रविवार) को मनाई जाएगी। इस दिन शाम को यम दीपदान किया जाता है, जिसे यम का दीपक कहते हैं। यह दीपक घर के बाहर दक्षिण दिशा में जलाया जाता है, जिससे परिवार पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक वातावरण बनता है।
इसके बाद मुख्य दिवाली 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। वहीं भैया दूज इस वर्ष 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए आरती करती हैं और उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षित भविष्य की कामना करती हैं।
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दिवाली पूजा का महत्व
दिवाली कब है यह जानना उतना ही जरूरी है जितना इसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को समझना। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा, धन और सुख-समृद्धि लाने के लिए मनाया जाता है।
इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। रात के समय, जब अमावस्या तिथि चल रही होती है, तब स्थिर लग्न में दीपावली पूजन का विशेष महत्व होता है। इस समय पूजा करने से घर में लक्ष्मी की स्थायी कृपा और समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस पर क्या खरीदें?
धनतेरस, जिसे “धन त्रयोदशी” भी कहा जाता है, व्यापार और घर की समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, झाड़ू और दीपक जैसी वस्तुएं खरीदते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीज़ें पूरे साल घर में शुभता और सुख-समृद्धि लाती हैं।
साथ ही, भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और रोगों से मुक्ति मिलती है। इसलिए धनतेरस के दिन खरीदारी और पूजा दोनों का महत्व अत्यधिक माना जाता है।
निष्कर्ष
अब आप जान चुके हैं कि दिवाली कब है 2025 में, साथ ही धनतेरस, छोटी दिवाली और भैया दूज की सही तिथियां भी। इस साल के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि को ध्यान में रखते हुए आप घर की तैयारियां आराम से शुरू कर सकते हैं।
माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा से आपका घर सुख, समृद्धि और खुशियों से भरा रहे — आप सभी को शुभ दीपावली!
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