2025 के 76वें गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे -प्रबोवो सुबियांटो

2025 के ७६ वें गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे -प्रबोवो सुबियांटो
2025 के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भारत के मुख्य अतिथि होंगे। यह भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति जोको विडोडो की भागीदारी भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते सहयोग और दोस्ती का प्रतीक है।
2025 के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो का भारत के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना कई दृष्टिकोणों से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर भारत और इंडोनेशिया के बीच रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
1. भारत-इंडोनेशिया संबंधों की मजबूती: जोको विडोडो की उपस्थिति से भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को एक नया आयाम मिलेगा, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग और साझेदारी बढ़ेगी।

2. दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रभाव: इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रमुख देश है। इसके साथ भारत के रिश्तों का और मजबूत होना इस क्षेत्र में भारत के प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होगा।

3. सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध: भारत और इंडोनेशिया की सांस्कृतिक और धार्मिक समानताएं गहरी हैं, जो दोनों देशों के बीच एक और मजबूत कड़ी का काम करती हैं। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति विडोडो की उपस्थिति इन सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी।

4. वैश्विक सहयोग और साझेदारी: दोनों देशों के बीच विभिन्न वैश्विक मंचों पर सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं हैं, जैसे कि आर्थिक, पर्यावरणीय और सुरक्षा मुद्दों पर।

5. आर्थिक संबंधों को बढ़ावा: गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति विडोडो की उपस्थिति व्यापार और निवेश के नए अवसरों को जन्म दे सकती है, जिससे दोनों देशों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
इस तरह, 2025 के गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति विडोडो की उपस्थिति भारतीय और इंडोनेशियाई रिश्तों को एक नई दिशा देने, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्तर पर सहयोग को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
गणतंत्र दिवस समारोह: राष्ट्रीय गौरव का उत्सव – रिपब्लिक डे 2025
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, जो भारतीय संविधान के लागू होने का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था, और तभी से यह दिन देश की एकता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र का प्रतीक बन गया। गणतंत्र दिवस भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव है, जो हर भारतीय को अपने कर्तव्यों और अधिकारों का एहसास कराता है।
मुख्य आकर्षण:
1. गणतंत्र दिवस परेड: दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड इस दिन का प्रमुख आकर्षण होती है। इसमें भारतीय सेना, वायुसेना, और नौसेना के जवानों के अलावा विभिन्न राज्य पुलिस बल और स्कूली बच्चे भी भाग लेते हैं। यह परेड भारत की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और एकता का अद्भुत उदाहरण होती है।
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3. मुख्य अतिथि: गणतंत्र दिवस पर भारत एक प्रमुख विदेशी नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करता है। 2025 में, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। उनकी उपस्थिति भारतीय और इंडोनेशियाई संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक है।
4. ध्वजारोहण और राष्ट्रगान: राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण के साथ समारोह की शुरुआत होती है। इसके बाद, ‘जन गण मन’ राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरे देश में भारतीय एकता और अखंडता का संदेश फैलता है।

5. सांस्कृतिक कार्यक्रम: विभिन्न राज्य और क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक झांकियों को प्रस्तुत करते हैं। ये झांकियां भारतीय संस्कृति, विविधता और लोककलाओं का समृद्ध रूप प्रदर्शित करती हैं।

6. वीरता पुरस्कार और सम्मान: गणतंत्र दिवस पर भारत रत्न, पद्म पुरस्कार, शौर्य चक्र जैसी उपाधियां नागरिकों और सैन्यकर्मियों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान की जाती हैं। यह सम्मान भारतीय समाज और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा और साहस को मान्यता देता है।

7. राष्ट्र के लिए प्रेरणा: गणतंत्र दिवस एक दिन नहीं बल्कि एक अवसर होता है जब हम अपने संविधान, लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण की भावना को समझते हैं। यह दिन हमें अपने कर्तव्यों का पालन करने, देश के प्रति अपने दायित्वों को निभाने और भारत को एक उन्नत राष्ट्र बनाने की प्रेरणा देता है।

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