शांतनु नायडू को मिली टाटा मोटर्स में नई जिम्मेदारी
टाटा समूह से गहरा जुड़ाव
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के करीबी सहयोगी रहे शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर और स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के प्रमुख के रूप में अपनी नई भूमिका शुरू की है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से साझा की। अपने भावुक संदेश में उन्होंने लिखा,
“मुझे याद है जब मेरे पिता टाटा मोटर्स प्लांट से सफेद शर्ट और नेवी पैंट पहनकर घर आते थे, और मैं खिड़की पर उनका इंतजार करता था। अब यह चक्र पूरा हो गया है।”
उनका टाटा समूह के साथ एक गहरा पारिवारिक संबंध है। उनके पिता टाटा मोटर्स के पुणे प्लांट में कार्यरत थे, जबकि उनके दादा और परदादा महाराष्ट्र के भीरा में टाटा पावर की हाइड्रोइलेक्ट्रिक सुविधा में काम करते थे। इस प्रकार, टाटा परिवार से उनका जुड़ाव पीढ़ियों से चला आ रहा है।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
शांतनु नायडू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुणे में पूरी की और 2014 में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने 2016 में प्रतिष्ठित कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की।
उनकी पेशेवर यात्रा 2018 में टाटा समूह से जुड़ने के साथ शुरू हुई, जब उन्हें रतन टाटा के सहायक के रूप में काम करने का अवसर मिला। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने न केवल उनके करियर को दिशा दी, बल्कि उन्हें रतन टाटा के बेहद करीब भी ले आया।
रतन टाटा के साथ अनोखा रिश्ता
शांतनु और रतन टाटा के बीच एक खास रिश्ता विकसित हुआ, जिसकी कई कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। उनकी मित्रता की एक दिलचस्प घटना तब सामने आई जब शांतनु ने रतन टाटा के जन्मदिन पर उनके लिए एक विशेष गीत गाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और लोगों ने इसे बहुत सराहा।
उनकी दोस्ती की शुरुआत एक विशेष सामाजिक पहल के माध्यम से हुई थी। शांतनु ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले आवारा कुत्तों की सुरक्षा के लिए एक विशेष प्रकार का कॉलर डिजाइन किया था, जिसे रतन टाटा ने बेहद सराहा।
रतन टाटा, जो स्वयं पशु प्रेमी थे, इस पहल से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने न केवल इस प्रोजेक्ट में निवेश किया बल्कि शांतनु के करियर को भी आगे बढ़ाने में मदद की। इस घटना ने शांतनु को टाटा समूह के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में स्थापित कर दिया।
नई भूमिका और भविष्य की योजनाएँ
रतन टाटा के निधन के बाद, शांतनु नायडू ने टाटा मोटर्स में अपनी नई भूमिका के साथ अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्हें अब टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर और स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स का प्रमुख बनाया गया है।
उनकी यह नियुक्ति टाटा समूह के साथ उनके गहरे संबंधों को दर्शाती है और यह भी संकेत देती है कि आने वाले समय में वह टाटा समूह की नई पहलों और विकास रणनीतियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
शांतनु नायडू की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि किसी व्यक्ति में जुनून, नवाचार और सामाजिक सेवा की भावना हो, तो वह न केवल व्यक्तिगत रूप से आगे बढ़ सकता है बल्कि समाज और उद्योग जगत में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उनकी इस नई भूमिका से न केवल टाटा मोटर्स को एक नई दिशा मिलेगी बल्कि यह भी संभावना है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सोच से कंपनी के विभिन्न विभागों को मजबूती मिलेगी। उनकी नेतृत्व शैली, सामाजिक कार्यों के प्रति संवेदनशीलता और नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से यह साफ झलकता है कि वह टाटा मोटर्स के विकास में एक अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं।
आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि शांतनु नायडू किस प्रकार टाटा मोटर्स की रणनीतिक पहलों को आगे बढ़ाते हैं और कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं। उनके अनुभव और विचारशील दृष्टिकोण को देखते हुए, उद्योग जगत उनसे बड़ी उम्मीदें रखता है।