भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर उर्जा(Solar Energy) उत्पादक देश
अगर देखा जाए तो हमारे प्यारे देश भारत के लिए काफी हर्ष का विषय है, एक समय जहाँ 2015 में भारत सौर उर्जा उत्पादन में जहां 9 वें स्थान पर था, वहीं आज स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में तेजी से वृद्धि के कारण,भारत आज इस मुकाम पर पंहुचा हैं । यूनाइटेड किंगडम स्थित वैश्विक थिंक टैंक एम्बर द्वारा प्रकाशित 5वीं “ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू” रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत, जो 2015 में विश्व में नौवें स्थान पर था, 2023 में जापान को पीछे छोड़ कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है । आज भारत 2023 में तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा (Solar Energy)उत्पादक देश बन कर उभरा है, जो कि एक भारत के एक नए उज्जल भविष्य की राह पर चल का प्रतीक है |
11 मई 2024: भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए सौर ऊर्जा उत्पादन में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है। वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर द्वारा जारी “ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024” रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023 में जापान को पछाड़कर यह स्थान हासिल किया है। और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
यह उपलब्धि भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
• पर्यावरण: सौर ऊर्जा(Solar Energy) एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के इस कदम से देश में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
• ऊर्जा सुरक्षा: बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए भारत को आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता है। सौर ऊर्जा स्वदेशी ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा।
• आर्थिक विकास: सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत दुनिया में सबसे कम है, जो इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत ने सौर ऊर्जा (Solar Energy)उत्पादन में यह उपलब्धि हासिल करने के लिए कई नीतियां और पहल की हैं, जिनमें शामिल हैं:
• राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन: 2009 में शुरू किया गया यह मिशन भारत में सौर ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।
• सस्ती सौर ऊर्जा: भारत सरकार ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान करके सौर ऊर्जा को अधिक किफायती बनाया है।
• अनुसंधान और विकास: भारत सरकार सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास में भी निवेश कर रही है।
भारत की इस उपलब्धि को पूरे देश में सराहा जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। हमने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।”
भारत सरकार ने 2030 तक 300 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत को सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की आवश्यकता होगी।
यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि भारत सौर ऊर्जा (Solar Energy) के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनने की राह पर है।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है:
• भारत में सौर ऊर्जा क्षमता: भारत में 750 गीगावाट से अधिक की सौर ऊर्जा क्षमता है।
• भारत में स्थापित सौर ऊर्जा(Solar Energy) क्षमता: 2023 तक, भारत में 76 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा स्थापित की गई थी।
• भारत का लक्ष्य: भारत ने 2030 तक 300 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
सौर ऊर्जा और भारत: एक ऐतिहासिक संबंध
सौर ऊर्जा का उपयोग भारत में हजारों वर्षों से होता रहा है। प्राचीन काल में, सूर्य की ऊष्मा का उपयोग भोजन पकाने, कपड़े सुखाने और घरों को गर्म करने के लिए किया जाता था।
आधुनिक युग में, भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 1970 के दशक में, तेल की बढ़ती कीमतों के कारण, भारत ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की तलाश शुरू की। सौर ऊर्जा एक आकर्षक विकल्प था, क्योंकि यह स्वच्छ, नवीकरणीय और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थी।
1983 में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा (Solar Energy)मिशन (एनएसईएम) की स्थापना की। इस मिशन का लक्ष्य देश में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना था। एनएसईएम ने कई पहलों को लागू किया, जिनमें सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास, सौर ऊर्जा उत्पादों के लिए सब्सिडी और कर छूट, और सार्वजनिक जागरूकता अभियान शामिल थे।
एनएसईएम के प्रयासों के फलस्वरूप, भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बन गया है। 2023 में, भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में तीसरा स्थान हासिल किया, जापान को पछाड़ दिया। भारत ने 2030 तक 300 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
सौर ऊर्जा भारत के लिए कई फायदे प्रदान करती है:
• यह स्वच्छ ऊर्जा का एक स्रोत है, जो पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता है।
• यह नवीकरणीय ऊर्जा का एक स्रोत है, जो कभी खत्म नहीं होगा।
• यह ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने में मदद करता है, क्योंकि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तेल और गैस जैसे आयातित ईंधन पर कम निर्भर रहना पड़ता है।
• यह रोजगार पैदा करता है, क्योंकि सौर ऊर्जा क्षेत्र में कई अवसर हैं।
• यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देता है, क्योंकि सौर ऊर्जा उन क्षेत्रों में बिजली प्रदान कर सकती है जहाँ ग्रिड बिजली उपलब्ध नहीं है।
भारत की सौर ऊर्जा क्रांति अभी भी जारी है। नए सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का विकास किया जा रहा है, और सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत कम हो रही है। भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है, और यह देश को ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
सौर ऊर्जा के फायदे: एक स्वच्छ, नवीकरणीय और टिकाऊ भविष्य की कुंजी
सौर ऊर्जा, सूर्य से प्राप्त ऊर्जा, एक स्वच्छ, नवीकरणीय और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है जो ग्रह को बचाने और एक बेहतर भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करने, जलवायु परिवर्तन से लड़ने, ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
यहाँ सौर ऊर्जा के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
पर्यावरणीय लाभ:
• स्वच्छ ऊर्जा: सौर ऊर्जा (Solar Energy) का उत्पादन कोई प्रदूषण या ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नहीं करता है, जिससे यह जीवाश्म ईंधन की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल विकल्प बन जाता है।
• नवीकरणीय ऊर्जा: सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जिसका अर्थ है कि यह कभी खत्म नहीं होगा। यह पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों, जैसे कोयला और तेल, के विपरीत है जो सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं।
• प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण: सौर ऊर्जा का उपयोग करके, हम जीवाश्म ईंधन के खनन और परिवहन से जुड़े पर्यावरणीय नुकसान से बच सकते हैं।
आर्थिक लाभ:
• ऊर्जा सुरक्षा: सौर ऊर्जा(Solar Energy) एक घरेलू ऊर्जा स्रोत है, जो देशों को ऊर्जा आयात पर अपनी निर्भरता कम करने और अपनी ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने में मदद करता है।
• रोजगार सृजन: सौर ऊर्जा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नए रोजगार और आर्थिक अवसर पैदा हो रहे हैं।
• पैसे बचाएं: सौर ऊर्जा प्रणाली समय के साथ पैसे बचा सकती हैं, क्योंकि वे बिजली बिलों को कम करने में मदद करती हैं।
• ग्रामीण विकास: सौर ऊर्जा उन क्षेत्रों में बिजली प्रदान कर सकती है जहाँ ग्रिड बिजली उपलब्ध नहीं है, जिससे ग्रामीण विकास और जीवन स्तर में सुधार हो सकता है।
सामाजिक लाभ:
• स्वास्थ्य में सुधार: सौर ऊर्जा (Solar Energy) हवा प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।
• ऊर्जा पहुंच: सौर ऊर्जा उन लोगों को बिजली प्रदान कर सकती है जिनके पास वर्तमान में इसकी पहुंच नहीं है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
• तकनीकी प्रगति: सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास नई नौकरियों, उद्योगों और आर्थिक अवसरों को जन्म दे सकता है।
निष्कर्ष:
सौर ऊर्जा (Solar Energy) ग्रह और उसके निवासियों के लिए एक आशाजनक भविष्य की कुंजी है। यह एक स्वच्छ, नवीकरणीय और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरण की रक्षा करने, ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। सौर ऊर्जा में निवेश करके, हम एक स्वस्थ, अधिक समृद्ध और टिकाऊ भविष्य बनाने में योगदान दे सकते हैं।
सौर ऊर्जा के नुकसान: एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के साथ जुड़ी चुनौतियाँ
सौर ऊर्जा(Solar Energy), सूर्य से प्राप्त ऊर्जा, एक स्वच्छ, नवीकरणीय और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है जिसके अनेक फायदे हैं।
लेकिन, सौर ऊर्जा कुछ नुकसानों से भी मुक्त नहीं है जिन पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
यहाँ सौर ऊर्जा के कुछ प्रमुख नुकसान दिए गए हैं:
1. उच्च प्रारंभिक लागत:
• सौर ऊर्जा (Solar Energy) प्रणालियों की स्थापना, खासकर घरेलू स्तर पर, महंगी हो सकती है।
• सौर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी और बैकअप सिस्टम जैसी आवश्यकताओं में प्रारंभिक निवेश महत्वपूर्ण हो सकता है।
यह सभी लोगों के लिए सौर ऊर्जा को सुलभ नहीं बनाता है, खासकर कम आय वाले लोगों के लिए।
2. कम दक्षता:>
• सौर ऊर्जा पैनल सौर ऊर्जा का केवल एक हिस्सा बिजली में परिवर्तित करते हैं।
• शेष ऊर्जा गर्मी के रूप में खो जाती है।
• बादलों और कम रोशनी वाले दिनों में सौर ऊर्जा उत्पादन भी कम हो जाता है।
• ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में भी दक्षता कम हो सकती है।
3. भूमि उपयोग:
• बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है।
• यह कृषि भूमि, प्राकृतिक आवासों और अन्य भूमि उपयोगों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है।
4. पर्यावरणीय प्रभाव:
• सौर ऊर्जा पैनलों के निर्माण और परिवहन में कुछ पर्यावरणीय प्रभाव हो सकते हैं।
• खनन, प्रसंस्करण और परिवहन से प्रदूषण और कचरा उत्पन्न हो सकता है।
• सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण से भी प्राकृतिक आवासों को नुकसान हो सकता है।
5. अप्रत्याशितता:
• सौर ऊर्जा उत्पादन मौसम पर निर्भर करता है।
• बादल, बारिश और धुंध सौर ऊर्जा उत्पादन को कम कर सकते हैं।
• ऊर्जा भंडारण प्रणालियों की आवश्यकता होती है ताकि बिजली की आपूर्ति को सुचारू रूप से बनाए रखा जा सके, जिससे लागत और जटिलता बढ़ जाती है।
निष्कर्ष:
सौर ऊर्जा(Solar Energy) एक आशाजनक ऊर्जा स्रोत है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिन पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
तकनीकी प्रगति और लागत में कमी से इन नुकसानों को कम करने में मदद मिल सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि हम सौर ऊर्जा के फायदों और नुकसानों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें और एक स्थायी ऊर्जा भविष्य के लिए सबसे अच्छा रास्ता तय करें।
भारत सरकार की सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल: अतीत, वर्तमान और भविष्य
भारत सरकार ने सौर ऊर्जा(Solar Energy) को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां और पहल शुरू की हैं।
अतीत:
• 1970 के दशक: तेल की बढ़ती कीमतों के कारण भारत ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की तलाश शुरू की।
• 1983: राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (एनएसईएम) की स्थापना।
• 1990 के दशक: सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित।
• 2000 के दशक: सौर ऊर्जा (Solar Energy)उत्पादों के लिए सब्सिडी और कर छूट।
वर्तमान:
• 2009: राष्ट्रीय सौर मिशन (एनएसएम) की शुरुआत, जिसका लक्ष्य 2022 तक 20 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करना था।
• 2015: पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर, जिसमें भारत ने 2030 तक 40% गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा।
• 2016: प्रधानमंत्री ऊर्जा ज्योति योजना (पीएम-कुसुम) की शुरूआत, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
• 2017: सौर ऊर्जा की कीमतों में गिरावट, जिससे यह अधिक किफायती हो गई।
• 2018: भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में तीसरा स्थान हासिल किया।
• 2022: भारत ने 2030 तक 300 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा।
भविष्य:
• भारत सरकार सौर ऊर्जा (Solar Energy)
क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
• सरकार का लक्ष्य सौर ऊर्जा को देश का प्राथमिक ऊर्जा स्रोत बनाना है।
• अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को और अधिक कुशल और किफायती बनाया जा सके।
• भारत सरकार का मानना है कि सौर ऊर्जा देश को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने, पर्यावरण की रक्षा करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
सरकार की पहलों के परिणामस्वरूप:
• भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में वैश्विक नेताओं में से एक बन गया है।
• सौर ऊर्जा लाखों लोगों के लिए बिजली प्रदान कर रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
• सौर ऊर्जा क्षेत्र में लाखों रोजगार पैदा हुए हैं।
