अनुसुइया ने रचा इतिहास बनी भारत की पहली कांस फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता
अभिनेत्री अनसूया सेनगुप्ता ने इतिहास रच दिया है,उन्होंने 25 मई 2024 को 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में अन सर्टेन रिगार्ड कैटेगरी में बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार जीता।
77वें कान फिल्म फेस्टिवल में अभिनेत्री अनसूया सेन गुप्ता ने इतिहास रच दिया है। कान फिल्म फेस्टिवल में वह पुरस्कार जीतने वाली पहली अभिनेत्री बन गई हैं। यह पुरस्कार उन्हें बल्गेरियाई निर्देशक कॉन्स्टेंटिन बोजानोव की फिल्म “द शेमलेस” में उनके अभिनय के लिए मिला।
अनसूया इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री बन गई हैं। उनकी जीत भारत में जश्न का माहौल है और यह भारतीय सिनेमा के लिए एक गौरव का क्षण है।
यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
• फिल्म के बारे में: “द शेमलेस” एक हिंदी भाषा की फिल्म है जो एक पुलिसकर्मी को चाकू मारने के बाद दिल्ली के वेश्यालय से भागने वाली एक महिला की कहानी बताती है।
• अनसूया का किरदार: अनसूया ने फिल्म में रेणुका नामक महिला का किरदार निभाया है। उनके अभिनय को यथार्थवादी और शक्तिशाली होने के लिए सराहा गया है।
• पुरस्कार का महत्व: बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार कान्स फिल्म फेस्टिवल के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। यह जीत अनसूया की प्रतिभा और अभिनय कौशल की मान्यता है।
अनसूया की जीत भारतीय सिनेमा के लिए एक प्रेरणा है और यह दर्शाती है कि भारतीय कलाकार वैश्विक मंच पर भी सफलता हासिल कर सकते हैं। अनसूया को उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं!
कौन हैं अनसूया सेनगुप्ता:–
अनसूया सेनगुप्ता एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जो अपने सामाजिक कार्यों, लेखन, और एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने “Whose Knowledge?” नामक एक वैश्विक अभियान की सह-स्थापना की है, जिसका उद्देश्य है कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों की ज्ञान को ऑनलाइन प्रमुखता देना ।
उनका शैक्षिक और पेशेवर पृष्ठभूमि भी उल्लेखनीय है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री और स्टडीज में एमफिल की डिग्री प्राप्त की है, जहां वे रोड्स स्कॉलर रही हैं । इसके अलावा, उन्हें लंदन विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली है।
सामाजिक और तकनीकी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसमें ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट से इंटरनेट एंड सोसाइटी अवार्ड शामिल है । अनसूया ने वीमेन इन जैसे महत्वपूर्ण पहल की भी सह-स्थापना की है, जो वैश्विक दक्षिण के लिए और द्वारा पहला नारीवादी टेक फंड है।
अपने कला करियर में, अनसूया ने “मडली बंगाली” (2009) जैसी फिल्मों में अभिनय किया है और कई फिल्मों में प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में भी काम किया है । हाल ही में, वे फिल्म “द शेमलेस” में अपनी भूमिका के लिए चर्चा में हैं, जो 2024 कान फिल्म फेस्टिवल है।
अनसूया का जीवन और कार्य क्षेत्र व्यापक हैं, जिसमें उन्होंने सामाजिक न्याय, नारीवाद, और डिजिटल अधिकारों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी प्रतिबद्धता और उपलब्धियाँ उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाती हैं।
कान्स फिल्म फेस्टिवल :-
77वां कान्स फिल्म फेस्टिवल 14 से 25 मई 2024 तक फ्रांस के कान्स में आयोजित किया गया था। अमेरिकी फिल्म निर्माता और अभिनेत्री ग्रेटा गेरविग ने मुख्य जूरी की अध्यक्षता की, जबकि फ्रांसीसी अभिनेत्री केमिली कॉटिन ने उद्घाटन और समापन समारोह की मेजबानी की।
यहां कुछ मुख्य बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए:
• पुरस्कार:
o पाल्मे डी’ओर: “टॉरमेंट ऑन द प्रेयरी” (स्वीडिश: टॉरमेंट ऑन द प्रेयरी) – रूबेन Östlund द्वारा निर्देशित
o ग्रांड प्रिक्स: “Close” (बेल्जियम) – लुकास धोंकर द्वारा निर्देशित
o जूरी पुरस्कार:
“Stars at Noon” (फ्रांस, स्विट्जरलैंड, अमेरिका) – क्लेयर डेनिस द्वारा निर्देशित
“The Eight Mountains” (इटली) – फेलिक्स वैन लोकर और डैनिएल विलेगास द्वारा निर्देशित
o सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: सॉन्ग Kang-ho – “The Broker” (दक्षिण कोरिया) में
o सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: Vika Kosovska – “Butterfly Vision” (कोसोवो) में
o सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: Park Chan-wook – “Decision to Leave” (दक्षिण कोरिया) में
o सर्वश्रेष्ठ पटकथा: Tarik Saleh – “Boy from Heaven” (स्वीडन, फ्रांस, मिस्र, ग्रीस) में
• भारतीय फिल्में:
o “सनफ्लावर ऑन द फर्स्ट वन्स टू नो” – चिदानंद एस नाइक द्वारा निर्देशित इस लघु फिल्म ने कान्स ला सिनेफ पुरस्कार जीता।
o “Binod” – पंचायत वेब सीरीज का यह स्पिन-ऑफ फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर के लिए चुनी गई थी।
कान्स फिल्म फेस्टिवल का इतिहास:
शुरुआत:
• 1939 में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के रूप में स्थापित
• द्वितीय विश्व युद्ध के कारण 1940-1945 तक रद्द
• 1946 में कान फिल्म समारोह के रूप में पुनर्जीवित
प्रारंभिक वर्ष:
• द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय सिनेमा को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित
• ग्रांड प्रिक्स (बाद में पाल्मे डी’ओर) सहित पुरस्कारों की स्थापना
• इटली और फ्रांस जैसी यूरोपीय फिल्मों का प्रभुत्व
1960 और 70 का दशक:
• न्यू वेव सिनेमा का उदय, फ्रेंच फिल्म निर्माताओं जैसे जीन-ल्यूक गोदार और फ्रांस्वा ट्रूफॉट के साथ
• वैश्विक सिनेमा का बढ़ता प्रभाव, जापानी और अमेरिकी फिल्मों सहित
• 1968 में फ्रांसीसी छात्र विद्रोह के कारण महोत्सव रद्द
1980 और 90 का दशक:
• विभिन्न प्रकार की फिल्मों के लिए अधिक खुलापन, हॉलीवुड ब्लॉकबस्टर सहित
• सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप के फिल्म निर्माताओं की बढ़ती भागीदारी
• महोत्सव की प्रतिष्ठा और प्रभाव में वृद्धि
2000 का दशक:
• डिजिटल प्रौद्योगिकी का आगमन और फिल्म निर्माण में इसका प्रभाव
• वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद महोत्सव का विकास जारी रहा
• भारत, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से फिल्मों का बढ़ता महत्व
वर्तमान:
• दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक
• नई प्रतिभाओं की खोज और फिल्म निर्माण के रुझानों को स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच
• विश्व सिनेमा का उत्सव और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र
कान फिल्म समारोह सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इसने दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को अपनी कला प्रदर्शित करने और दर्शकों के साथ जुड़ने का एक मंच प्रदान किया है। यह न केवल मनोरंजन का स्रोत है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का एक मंच भी है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
• कान्स फिल्म समारोह प्रतिवर्ष मई में फ्रांस के कान्स शहर में आयोजित किया जाता है।
• यह 12 दिनों तक चलता है, जिसमें फिल्मों की स्क्रीनिंग, प्रेस कॉन्फ्रेंस और विशेष कार्यक्रम शामिल होते हैं।
• मुख्य पुरस्कार पाल्मे डी’ओर है, जिसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दिया जाता है।
• अन्य पुरस्कारों में ग्रांड प्रिक्स, जूरी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री शामिल हैं।